मानव जीनोम : Humen framework
Genome Introduction :
• क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी आंखो थे का रंग कैसा होगा, हमें कौन-सी बीमारियां हो सकती है या हमारी त्वचा कैसी होगी, हमारे बालों (hear) का रंग कैसा होगा।
नहीं ना, तो हम इन्हीं के बारे में जानेंगे कि यह सब कैसे तय होता हैं। इसका हल छिपा है Genome में।
what is the human genome : जीनोम क्या हैं
मानव जीनोम में शामिल तथ्य:
• मानव जीनोम में लगभग 3 अरब डीएनए बेस पेयर्स होते हैं।
• इसमें लगभग 20,000 से 25,000 जीन होते हैं।
• ये जीन हमारे गुणसूत्र (Chromosomes) में पाए जाते हैं।
मानव जीनोम का महत्व:
• इससे हमें बीमारियों की पहचान और उसके संभावित इलाज में मदद मिलती है।
• Gene therapy जैसी तकनीकों का विकास हुआ है।
• यह जानकारी व्यक्तिगत चिकित्सा (personalized medicine) के लिए भी उपयोगी हैं।
• इसके जरिए हम यह भी जान सकते हैं कि कुछ बीमारियां हमें विरासत में क्यों मिलती हैं।
मानव जीनोम प्रोजेक्ट:
H.G.P के अन्तर्गत ही प्रथम बार मानव के 22 वे गुणसूत्र की डीएनए श्रृंखला के पूरे क्रम का पता लगाकर सन् 1900 में प्रकाशित किया गया। इसके बाद 2004 में पूर्ण मानव जीनोम श्रृंखला को ज्ञात किया गया
जिससे मानव के पूर्ण आनुवांशिक चित्रण स्पष्ट किया गया अर्थात् मानव को समस्त जीनों और उनमें समानता और उनका वितरण जाना गया।
मानव जीनोम का लक्ष्य:
• विभिन्न जातियों के विकास के क्रम को ज्ञात करना।
• असाध्य रोगों को ठीक करना।
• मानव की जैविक सूचना को कम्प्यूटरीकृत करना।
• गुणसूत्रों में स्थित जीन के क्रमों का पता लगाना व उनकी संरचना एवं कार्य का पता लगाना।
• उच्च संरक्षित जीनों को पहचानना।
• अनेक जीवों के जीनोम का चित्रण करना।
जीन और डीएनए का क्या संबंध है ?
• जीन डीएनए के छोटे-छोटे हिस्सें होते हैं, जो हमारे शरीर में विशेष कार्यों को नियंत्रित करते हैं — जैसे हमारी लम्बाई, आंखों का रंग, या रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता।
मानव जीनोम प्रोजेक्ट की उपयोगिता
1. बीमारियों की पहचान और इलाज:
• डॉक्टर जीन के आधार पर रोगों की पहचान और उपचार कर सकते हैं।
2. Gene Therapy Development :
• इसमें दोषपूर्ण जीन हटाकर सही जीन लगाया जा सकता है।
• मानव या मानव समूह की आनुवांशिक वंशागति को निर्धारित करने में सहायक।
3. Personalized medicine :
• हर व्यक्ति के जीनोम के आधार पर ख़ास दवाइयां बनाई जाती हैं।
• रोग उत्पन्न करने वाले न्युक्लियोटाइड का पता लगाना।
4. विरासत में मिलने वाली बीमारियां की समझ
• जैसे: थैलेसीमिया, हीमोफिलीया आदि।
• डीएनए अंगुलि छाप करके अपराधी की पहचान करने मे सहायक।
मानव जीनोम प्रोजेक्ट की विशेषताएं
• मानव जीनोम में 3 बिलियन से अधिक न्युक्यियोटाइड है एक मानव जीन में लगभग 3000 न्युक्लियोटाइड होते हैं।
• सबसे बड़ी जीन डिस्ट्रोफिन में लगभग 2.4 मिलियन क्षारकों का अनुक्रम मिलता है।
• मानव जीनोम में करीब 30000 क्रियात्मक जीन होते हैं। जीनोम का लगभग 2% भाग प्रोटीन कोडिंग के लिए उपयोगी होता हैं।
• मानव जीनोम तैयार करने हेतु WBC अथवा मस्तिष्क ऊतकों से DNA लिया जाता हैं।
डीएनए (DNA) अंगुलि छाप (Finger printing)
• DNA का न्युक्यियज एंजाइम की सहायता से विदलन करके DNA खंडो की मौचिग द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान करना ही डीएनए अंगुलि छाप या फिगर प्रिंटिंग कहलाता हैं।
• इस तकनीक की खोज एलेक्स जोसेफ ने सन् 1986 में की थी अब यह कानूनी रूप से वैध है।
• प्रत्येक जीव की डीएनए संरचना तथा आनुवांशिकता विशिष्ट और जीवों से अलग होती हैं।
डीएनए (DNA) फिंगर प्रिंटिंग की विधि
• डीएनए को पृथक करना ( शुक्राणु , रक्त, कंकाल )
• डीएनए को काटना ( एण्डोन्युक्लियज एंजाइम द्वारा)
• जैल वैघुत कण संचालन करना।
• प्रोत का VNTRS के साथ जोड़ना।
• फिंगर प्रिंट।
डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का महत्व
• पैतृत्व निर्धारण करना।
• व्यक्ति को निर्दोष साबित करने में।
• हत्या, बलात्कार जैसी घटनाओं में दोषी की पहचान करने में
• बाढ़, भूकंप में मारे गए लोगों की पहचान करने में।
भविष्य में जीनोम का रोल:
• कैंसर, मधुमेह और ह्रदय रोग जैसी बीमारियों के लिए कस्टम उपचार।
• बच्चों में संभावित बीमारियों की पहले से पहचान।
• बेहतर और हेल्दी लाइफस्टाइल की योजना

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