#.ठोसो की द्रव में विलेयता =
→ किसी निश्चित ताप पर विलायक की निश्चित मात्रा में घुली हुई विलेय की अधिकतम मात्रा को ही विलेयता कहते हैं । →किसी विलायक में विलेय की डाली गई मात्रा का घुलना विलीनीकरण कहलाता हैं। वह अवस्था जिस पर किसी विलायक में अधिकतम मात्रा में विलेय का घुला हुआ हो संतृप्तकरण कहलाती हैं।
यदि संतृप्तवस्था के बाद किसी विलेय को विलायक में घोला जाए तो विलेय के कण आपस में टक्कर कर पैंदे में बेठने लगते हैं। इसे क्रिस्टलीकरण कहते हैं।

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