#. कूलाम का नियम=
→ सन् 1785 में कूलाम ने प्रयोगों के आधार पर दो स्थिर बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाले बाल के सबंध में एक नियम प्रतिपादित किया जिसे कूलाम का नियम कहते हैं
→ इस नियम के अनुसार ‘‘दो आवेशों के मध्य लगने वाला
आकर्षक या प्रतिकर्षण बल का मान दोनों आवेशों के गुणनफल के समानुपाती वह मध्य दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता हैं।
q¹।––––––––––––––।q²
A –––– r –––––––– B
f :: q1 , q2 --------- समी.①︎
f :: 1̲ ----------------समी. ②︎
r
समीकरण. ①︎ व ②︎
q1 q2
f :: -----------------
r²
f = K q1 q2 f= कूलाम बल
[ –––––– ]। K = कूलाम नियतांक
r
→ मात्रक = N X M² / C²
न्यूटन X मीटर² / (कूलाम)²
→ विमीय सूत्र = [M¹L³T–⁴A–²]

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