स्वच्छ भारत अभिप्राय
• भारत एक प्राचीन देश है यहां मन की पवित्रता पर बहुत जोर दिया गया है।
मन की पवित्रता के साथ तन को स्वच्छ रखने के लिए स्नान को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। विभिन्न पर्वों पर नदियों में स्नान करने की परम्परा रही है इसका चरम स्वरूप कुंभ के मेले के अवसर पर देखा जा सकता है।
इसके साथ जहां हम रहते हैं उस स्थान की स्वच्छता भी आवश्यक है परन्तु इस पर इतना अधिक ध्यान शायद नहीं दिया जाता है। आस पास की स्वच्छता हमारे भारत में प्रायः उपेक्षित ही रहीं हैं।
इस मनोविचार को बदलकर देश की सड़कों, गलियों, नदियों, को, तालाबों, सार्वजनिक स्थानों आदि को स्वच्छ बनाकर भारत को स्वच्छ करना है।
स्वच्छता और स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के लिए जहां उत्तम खान पान आवश्यक होता है है, वहीं परिवेश की स्वच्छता भी जरूरी होती है। हमारे घर, गलियों, सड़कें आदि साफ रहेंगी तो रोगाणुओं को पनपने का अवसर नहीं मिलेगा। इससे रोगाणुओं से फैलने वाले रोग भी नहीं फैलेंगे और लोग बीमारियों से मुक्त रहेंगे।
स्वच्छता अभियान की आवश्यकता ----
गांधी जयंती के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान का आरंभ किया। प्रधानमंत्री ने अनुभव किया कि देश को स्वच्छ रखने की महती आवश्यकता है। विश्व के अनेक देशों में वहां के नगरों में गन्दगी ढूंढने पर भी नहीं मिलती। इसके विपरित भारत के शहर और गांव बहुत गन्दे है। लोग अपने आस पास की सफाई करने में अपना छोटापन समझते हैं।
घरों में शौचालय की जरूरत -----
प्रधानमंत्री ने अनुभव किया कि घरों में शौचालय निर्माण की जरूरत है। सरकार न इस काम के लिए समयबद्ध कार्यक्रम पर जोर दिया तथा पांच वर्ष में प्रत्येक घर में शौचालय बनाने को कहा। भारत में अनेक लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता था। पर अब स्वच्छ भारत अभियान के तहत 7.9 करोड़ शौचालय बन चुकें हैं।
उपसंहार -----
भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान एक अच्छी शुरुआत है किन्तु इसके लिए पांच वर्ष का समय बहुत कम है। लोगों को प्रेरित करने के लिए पुरस्कार की नीति अपनाना पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए कठोर दण्ड व्यवस्था को लागू करना भी जरूरी है।
धन्यवाद
तो आप सभी मित्र बन्धुओं से आशा है की हमारा निबंध आपको अच्छा लगे
बहुत बहुत धन्यवाद जी
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