लिंग निर्धारण ( Sex determination) क्या होता है इसके प्रकार व कार्य ?

 Sex Determination 


Preface :

मानव विज्ञान में “लिंग निर्धारण” एक महत्वपूर्ण विषय है यह प्रक्रिया तय करती हैं कि किसी जीव में नर (पुरुष) लक्षण विकसित होंगे या मादा (महिला) लक्षण। चाहे वह मनुष्य हो, पशु-पक्षी या कीट-पतंगे – प्रत्येक जाति किसी न किसी तरीके से लिंग निर्धारण है।  ब्लॉग में इस प्रक्रिया को सरल और वैज्ञानिक तरीके से समझाने का प्रयास करेंगे। 



लिंग निर्धारण क्या है? 

लिंग निर्धारण (Sex Determination) यह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह तय होता हैं कि कोई जीव नर (Male) होगा या मादा (Female) । 

यह निर्धारण आमतौर पर जीव की आनुवांशिक संरचना (Genetic Makeup) पर निर्भर करता हैं, विशेष रूप से गुणसूत्रों (Chromosomes) पर।



लिंग निर्धारण के प्रकार 

लिंग निर्धारण के प्रमुख तीन प्रकार होते हैं: 



प्रकार                     विवरण 
1. क्रोमोसोमल लिंग निर्धारण  गुणसूत्र पर आधारित
(Chromosomal sex 
Determination) 

2. पर्यावरणीय लिंग निर्धारण  तापमान या अन्य  (Environmental sex    कारकों पर
Determination)        आधारित 

³. जिनीय लिंग निर्धारण   विशेष जीन पर 
  (Genic Sex          आधारित 
  Determination) 


 

1.क्रोमोसोमल लिंग निर्धारण 

XY प्रकार – मानवों में 

 मनुष्यों में लिंग निर्धारण XY प्रणाली से होता हैं।

• मानव शरीर 46 गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से दो लैंगिक गुणसूत्र (Sex Chromosomes) होते हैं। 


व्यक्ति     ‌     गुणसूत्र (Sex Chromosome

 Male           XY 

 Female         XX 


निषेचन के समय यदि शुक्राणु में X गुणसूत्र है 
  → लड़की (XX) 

यदि शुक्राणु में Y गुणसूत्र है → लड़का (XY) 


Note: अतः स्पष्ट होता है कि पुरुष द्वारा लिंग          निर्धारण होता है, क्योंकि वही Y गुणसूत्र        प्रदान कर सकता है। 




अन्य जीवों में विभिन्न प्रणालियां: 

प्रणाली    जीव         नर(♂️)  मादा(♀️)
XY      मानल,स्तनधारी   XY     XX

ZW      पक्षी, तितली    ZZ     ZW 

XO      कीट जैसे टिड्डी   XO     XX

haplo
-diploidy मधुमक्खी  n(diploidy) 2n
                           (diploid



2.पर्यावरणीय लिंग निर्धारण 

कुछ जीवों में लिंग निर्धारण अनुवांशिक नहीं, बल्कि 
पर्यावरणीय कारकों, जैसे तापमान पर निर्भर करता है। 

🔺 Example: 

  
जीव      लिंग निर्धारण    विवरण   
          कारक     
कछुए       तापमान     उच्च तापमान = मादा
                ‌    निम्न तापमान = नर 

 
मगरमच्छ     तापमान     मध्यम तापमान= नर 
                     अधिक या कम                          तापमान=मादा 


→ इसे Temperature Dependent Sex
Determination (TSD) कहते हैं। 



3.जिनीय लिंग निर्धारण 

इस प्रणाली में विशेष लैंगिक गुणसूत्र नहीं होते।
लिंग का निर्धारण विशेष जीनों के संयोजन से होता है।

• यह प्रणाली कुछ पौधों,कवकों और कुछ निम्न स्तर के जीवों में पाई जाती है। 

• यह एक दुर्लभ लेकिन वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण प्रणाली है। 




#.मानवों में भ्रूण अवस्था में लिंग निर्धारण 

1.गर्भधारण के समय निषेचन के तुरंत बाद ही लिंग निर्धारित हो जाता है।

2.7वें सप्ताह तक भ्रूण(Embryo) में कोई लैंगिक अंतर नहीं होता। 

3.यदि Y गुणसूत्र में SRY जीन सक्रिय हो — तो 
वृषण (Testes) विकसित होते हैं → पुरूष लक्षण।

4.यदि SRY जीन न हो — तो अंडाशय (Ovaries) विकसित होते हैं → महिला लक्षण। 


SRY जीन क्या है? 

SRY = Sex-determining Region Y

यह Y गुणसूत्र पर स्थित एक जीन है। 

• इसका कार्य पुरूष जनन अंगों के विकास को आरंभ करना है। 

यदि SRY कार्य नहीं करे तो XY होते हुए भी मादा शरीर बन सकता है। 


लिंग निर्धारण से संबंधित कुछ विकार 

∆ टर्नर सिंड्रोम (Turner Syndrome)

• गुणसूत्र संरचना = XO 
• व्यक्ति स्त्री होती हैं परंतु पूर्ण विकसित नहीं होती 
   (बांझपन) 

∆ क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome)

• गुणसूत्र संरचना = XXY 

• व्यक्ति पुरूष होता है परन्तु स्त्री लक्षण भी होते हैं (स्तन विकास आदि) 

 

Important points:

• मनुष्यों में लिंग निर्धारण XY प्रणाली से होता है।

• लिंग निर्धारण निषेचन के समय ही हो जाता है।

• SRY जीन Y गुणसूत्र पर होता है और यह पुरूष लक्षण उत्पन्न करता है। 

• पर्यावरणीय प्रणाली में तापमान या सामाजिक स्थिति से लिंग तय होता है।

• लिंग निर्धारण के विकारों में टर्नर, क्लाइनफेल्टर और इंटरसेक्स शामिल हैं। 

• भ्रूण लिंग परीक्षण भारत में प्रतिबंधित है। 



अध्ययन के लिए उपयोगी प्रश्न:

1. मनुष्यों में लिंग निर्धारण कौन तय करता है —
पुरूष या स्त्री? 

2. SRY जीन का क्या कार्य है?

3. XY प्रणाली और ZW प्रणाली में अंतर बताइए। 

4. पर्यावरणीय लिंग निर्धारण का उदाहरण दीजिए।

5. क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में क्या गुणसूत्र संरचना होती हैं? 



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