“इसरो(ISRO)” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, क्या है, इसकी स्थापना कब हुई थी?
ISRO (इसरो)
भारत का नाम जब भी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में लिया जाता है, तो ISRO (India Space Research Organisation) का नाम गर्व से लिया जाता हैं इसरो भारत की वह संस्था है जिसने अंतरिक्ष विज्ञान को आम जनताप तक पहुंचाया और देश को आत्मनिर्भर बनाया। इस लेख में हम इसरो के इतिहास, प्रमुख उपलब्धियों, मिशनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी का उल्लेख करेंगे।
🌍 इसरो की स्थापना –
उनका मानना था कि “देश का विकास अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग से संभव है ”। यही सोच ISRO की नींव बनी।
🚀 इसरो का पहला उपग्रह – आर्यभट्ट
🛰️ उपग्रह प्रक्षेपण में आत्मनिर्भरता
शुरुआत में भारत को उपग्रह भेजने के लिए दूसरे देश पर निर्बल रहना पड़ता था। लेकिन 1980 में ISRO ने अपना पहला स्वदेशी रॉकेट SLV- 3 से रोहिणी उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रच दिया।
• PSLV ( Polar Satellite Launch Vehicle)
• GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle)
• SSLV (Small satellite Launch Vehicle)
PSLV को “वर्कहॉर्स ऑफ ISRO” कहा जाता है क्योंकि इससे 300+ उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए हैं।
🌕 चंद्रमा और मंगल की सफल यात्राएं
1. चंद्रयान मिशन:
० चंद्रयान -1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन, जिससे चंद्रमा पर पानी की खोज हुई थी।
० चंद्रयान -2 (2019): लैंडर “विक्रम” की साफ्ट लैंडिंग असफल रही, लेकिन ऑर्बिटर आज भी काम कर रहा है।
० चंद्रयान -3 (2023): भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश बना।
2. मंगलयान (Mangalyaan - 2013):
• इसे “मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM)” कहा जाता है।
• भारत ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश और दुनिया का पहला देश बना जिसे पहली बार में ही सफलता मिली।
📡 संचार और जीवन में ISRO का योगदान
• संचार उपग्रह (INSAT): टीवी, मोबाइल और इंटरनेट जैसी सेवाओं के लिए।
• नेविगेशन उपग्रह (NAVIC): भारत की अपनी GPS प्रणाली।
• सुदूर संवेदन उपग्रह (IRS): कृषि, मौसम पूर्वानुमान, जल प्रबंधन आदि में उपयोगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ISRO की पहचान
इसके ग्राहक देशों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान, इजराइल, और ब्रिटेन जैसे देश भी शामिल हैं।
Most Info...
ISRO की लॉन्च सर्विसेस दुनियाभर में सबसे सस्ती और भरोसेमंद मानी जाती हैं।
🪐 आगामी मिशन और योजनाएं
१. गगनयान मिशन:
• 3 भारतीयों 400 किमी की ऊंचाई पर भेजा जायेगा।
• इसकी योजना 2025 तक पूरी होने की है।
2. अदित्य -L1:
• 2023 में लॉन्च किया गया और अब सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन कर रहा है।
3. शुक्रयान:
4. ISRO का निजीकरण:
🎖️ ISRO की सफलता का रहस्य
ISRO की सफलता के पीछे कई रोचक विषय हैं:
• कम लागत में उच्च गुणवत्ता: ISRO के मिशन बहुत कम बजट में किए जाते हैं।
• देशभक्ति और समर्पण: वैज्ञानिकों का मिशन के प्रति पूर्ण समर्पण।
• सरलता और सादगी: तकनीकी जटिलता को सरल बनाया जाता हैं।
• स्थिर नेतृत्व: वैज्ञानिक नेतृत्व में लगातार सुधार और नवाचार।
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