ग्रह और उपग्रह का रहस्य । ग्रह क्या होता है, उपग्रह क्या होता है
ग्रह और उपग्रह: ब्रह्मांड की वैज्ञानिक परतें
भूमिका :
हमारा ब्रह्मांड असीम है, इसमें असंख्य खगोलीय पिंड मौजूद हैं। इनमें से ग्रह और उपग्रह दो ऐसे प्रमुख पिंड हैं जो खगोलशास्त्र (Astronomy) और अंतरिक्ष विज्ञान (Space science) के मूल स्तंभ माने जाते हैं। इस ब्लॉग में हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझेंगे कि ग्रह और उपग्रह क्या है, वे कैसे कार्य करते हैं और इसकी संरचना व गतिकी कैसी होती हैं।
ग्रह क्या है?
परिभाषा:
अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) के अनुसार, ग्रह वह खगोलीय पिंड होता है जो:
1. सूर्य की परिक्रमा करता है,
2. स्वयं में पर्याप्त गुरूत्वाकर्षण रखता है जिससे गोलाकार बना रहता है,
3. अपनी कक्षा के आसपास के क्षेत्र को साफ कर चुका होता है ( orbital dominance )
ग्रहों के प्रकार
° इनमें ठोस सतह होती है।
° example: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल।
° ये ग्रह मुख्य रूप से लोहे,निकेल और सिलीकेट से बने होते हैं।
b. गैसीय ग्रह (Gas Giants/ Jovian planets
° इसमें कोई ठोस सतह नहीं होती है।
° example: बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून।
° मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम गैस से बने होते हैं।
ग्रहों की गतियां :
• परिक्रमा ( Revolution) : सूर्य की परिक्रमा करना।
पृथ्वी, उदाहरण के रूप में, लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाती है और 365.25 दिनों में सूर्य की परिक्रमा पूरी करती हैं।
उपग्रह क्या है?
उपग्रह वह खगोलीय पिंड होता है जो किसी ग्रह की परिक्रमा करता है। यह दो प्रकार के होते हैं
• प्राकृतिक उपग्रह ( Natural satellites)
example : चंद्रमा।
• कृत्रिम उपग्रह (Artificial satellites)
example: INSAT, GPS ।
कृत्रिम उपग्रहों की विज्ञान में भूमिका:
• संसार : इंटरनेट, टेलीविजन और मोबाइल नेटवर्क।
• मौसम पूर्वानुमान: मौसम उपग्रह पृथ्वी के वातावरण पर नजर रखतें हैं।
• भू-अवलोकन : पृथ्वी की सतह की निगरानी, जैसे – कृषि, वनों की कटाई आदि।
• नेविगेशन: GPS( Global positioning system) और अन्य लोकेशन आधारित सेवाएं।
• वैज्ञानिक अनुसंधान: हबल स्पेस टेलिस्कोप, अंतरिक्ष वेधशालाएं।
ग्रह और उपग्रह के बीच मुख्य अंतर ( वैज्ञानिक दृष्टिकोण से)
गुण ग्रह उपग्रह
परिक्रमा किसकी तारे (जैसे सूर्य)की ग्रह की करते हैं
आकार सामान्यतः बड़ा छोटे आकार के
स्वतंत्र कक्षा हां नहीं
प्रकाश स्रोत नहीं नहीं
गुरुत्वाकर्षण अधिक कम
गुरूत्वाकर्षण और कक्षा की भूमिका
• सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल ग्रहों को अपनी कक्षा में बनाए रखता है।
• ग्रह का गुरूत्व बल उपग्रह को बांधकर रखता है।
न्यूटन का गुरूत्वाकर्षण का नियम:
ग्रहों और उपग्रहों का वैज्ञानिक अध्ययन
1. खगोलशास्त्र ( Astronomy) :
– यह ब्रह्मांडीय पिंडों के अध्ययन की विज्ञान शाखा है।
– इसमें टेलीस्कोप, स्पेक्ट्रोकोपी और रेडियो तरंगों का प्रयोग होता है।
2. अंतरिक्ष मिशन:
– ISRO, NASA, ESA जैसी संस्थाएं ग्रहों और उनके उपग्रहों पर लगातार अनुसंधान कर रहीं हैं।
– Example मिशन: चंद्रयान (भारत), आर्टेमिस (NASA), कैसिनी (शनि ग्रह के लिए) ।
3. ग्रहों पर जीवन की संभावना :
– वैज्ञानिक अब मंगल ग्रह, यूरोप (बृहस्पति का उपग्रह), और एनसेलडस (शनि का उपग्रह) पर जीवन के संकेत खोजने में लगें हैं।
– इसके लिए बायो सिग्नेचर और जल उपस्थिति का अध्ययन हो रहा है।
निष्कर्ष
ग्रह और उपग्रह हमारे ब्रह्मांड के सबसे महत्वपूर्ण पिंडों में से हैं। इनका अध्ययन न केवल खगोलीय ज्ञान को बढ़ाता है बल्कि जीवन की उत्पत्ति, विकास और संभावित भविष्य को भी समझने में मदद करता है वैज्ञानिक तरीकों से इनका विश्लेषण हमें ब्रह्मांड की जटिलता और सौंदर्य का गहरा बोध कराता है।
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