ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी: (Black holes and Big Bang Theory) / ब्लैक होल क्या होता है, बिग बैंग थ्योरी क्या है?

 ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी: ब्रह्मांड के रहस्यों की गहराई में रोचक यात्रा 

परिचय: 

ब्रह्मांड हमेशा से मानव जिज्ञासा का केंद्र रहा है। अनंत आकाश, तारे, ग्रह, और रहस्यमयी घटनाएं वैज्ञानिकों और आम लोगों दोनों को आकर्षित करती रही हैं । इन रहस्यों में दो सबसे गूढ़ और रोचक अवधारणाएं हैं – 

ब्लैक होल (कृष्ण विवर) और बिग बैंग थ्योरी  (महाविस्फोट सिद्धांत) । यह दोनों ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संरचना और भविष्य को समझने की कुंजी है। इस ब्लॉग में हम इन दोनों अवधारणा को सरल,  वैज्ञानिक और रोचक भाषा में समझने की कोशिश करेंगे। 




1.ब्लैक होल क्या है 

गुरूत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक होती हैं कि वह न केवल वस्तुओं को, बल्कि प्रकाश को भी अपनी  ओर खींच लेता है। 

• इस कारण से इसे  ‘‘ब्लैक होल ’’ कहा जाता है क्योंकि इससे कोई प्रकाश वापस नहीं आता और यह दिखाई नहीं देता। 


2. ब्लैक होल कैसे बनते हैं? 

ब्लैक होल का निर्माण एक विशाल तारे के अंत में होता है। 

• जब तारा अपने जीवन के अंतिम चरण में पहुंचता है और उसका ईंधन (हाइड्रोजन)  खत्म हो जाता हैं, तो उसका गुरूत्व उसे अन्दर की ओर संकुचित कर देता है। 

• यह संकुचन इतना शक्तिशाली होता है कि तारा एक बिंदु में सिमट जाता है जिसे ‘‘सिंग्युलैरिटी’’ कहते हैं — जहां द्रव्यमान अनंत हो जाता है और आयतन शून्य। 

• इसके चारों ओर एक सीमा होती है जिसे “इवेंट होराइजन” कहा जाता है। 

• एक बार कोई वस्तु इसके अंदर चली गई, तो वह कभी वापस नहीं आ सकती। 


3. ब्लैक होल के प्रकार : 

ब्लैक होल मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं: 



• तारकीय ब्लैक होल (stellar black holes): 

- यह ब्लैक होल विशाल तारों के मारने के बाद बनते हैं, जब तारे का कोर सुपरनोवा में ढह जाता है. उनका द्रव्यमान सूर्य द्रव्यमान के लगभग 10 से 20 गुना होता है। 


मध्यवर्ती ब्लैक होल(Intermediate black holes)

- यह ब्लैक होल तारकीय और अतिविशाल ब्लैक होल के बीच द्रव्यमान वाले होते हैं. इनका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 100 से 100,000 गुना होता है. 


• अतिविशाल ब्लैक होल (supermassive black holes) 

- ये सबसे बड़े ब्लैक होल होते हैं और लगभग हर आकाशगंगा के केंद्र में पाए जाते हैं, इनका द्रव्यमान लाखों या अरबो सूर्य के द्रव्यमान के बराबर होता है। 


• सूक्ष्म ब्लैक होल (Microscopic black holes): 

- ये ब्लैक होल काफी छोटे होते हैं और इनका द्रव्यमान सूर्य से भी कम होता है, सर्च के अनुसार अभी तक इसकी खोज नहीं हुई है। 



4.ब्लैक होल का पता कैसे चलता है?

चूंकि ब्लैक होल प्रकाश नहीं छोड़ते, इसलिए हम उन्हें सीधे नहीं देख सकते । लेकिन जब वे किसी नजदीकी तारे से पदार्थ खींचते हैं, तो वह पदार्थ ब्लैक होल के चारों ओर घूमते हुए गर्म होकर एक्स-रे विकिरण उत्सर्जित करता है, जिसे हम देख सकते हैं

इसके अलावा, ब्लैक होल की उपस्थिति उनके गुरुत्वीय प्रभाव में भी मापी जा सकती हैं। 




ब्लैक होल की नवीनतम खोजें और भविष्य की संभावनाएं 

1. ब्लैक होल की तस्वीर: विज्ञान की ऐतिहासिक उपलब्धि 

2019 में इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (EHT) परियोजना ने इतिहास रस दिया जब पहली बार किसी ब्लैक होल की वास्तविक छवि प्रकाशित की गई। 

यह ब्लैक होल M87 नामक आकाशगंगा के केंद्रक में स्थित है और इसका द्रव्यमान लगभग 6.5 अरब सूर्य के बराबर है ।

इस छवि में ब्लैक होल की छाया दिखाई गई है, जो  उसके चारों और प्रकाश की वक्रता से बनी है।

यह उपलब्धि न केवल तकनीक दृष्टि से बल्कि सैद्धांतिक भौतिकी के लिए भी मील का पत्थर है। उसने आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत की भविष्यवाणी को दृढ़ता से सत्यापित किया । 


2. ग्रेविटेशनल वेव्स और ब्लैक होल का मिलन 

2015 में  LIGO(Laser Interferometer Gravitational -Wave Observatory) ने पहली बार गुरुत्वीय तरंगें (Gravitational Waves) दर्ज कहीं । 

ये तरंगें दो ब्लैक होल के टकराने और विलीन होने से उत्पन्न हुईं थी। इससे पता चला कि ब्लैक होल की घटनाएं ब्रह्मांड में ऊर्जा उत्पन्न करती हैं जो प्रकाश की तुलना में भी अलग रूप में यात्रा करती है।

यह खोज आइंस्टीन की भविष्यवाणी का एक और प्रमाण थी और खगोलविज्ञान की एक नई शाखा की शुरूआत मानी जाती हैं —गुरूत्वीय खगोलविज्ञान 


3. वाॅर्महोल और मल्टीवर्स सिद्धांत 

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ब्लैक होल “वाॅर्महोल्स” हो सकते हैं  —ऐसे  ब्रह्मांडीय सुरंगें जो दो स्थानों को या दो ब्राह्मांण को आपस में जोड़ सकती हैं। यदि सिद्धांत कभी सिद्ध होता है,तो समय और स्थान की यात्रा मात्र कल्पना नहीं रहेंगी। 

मल्टीवर्स सिद्धांत के अनुसार, हमारा ब्रह्मांड अकेला नहीं है, बल्कि अनगिनत ब्रह्मांडो के अनुसार, हर ब्लैक होल एक नए ब्रह्मांड का जन्म स्थल हो सकता है। 




बिग बैंग थ्योरी: ब्रह्मांड की उत्पत्ति


1. बिग बैंग थ्योरी क्या है?

बिग बैंग थ्योरी यह बताती  है कि पूरा ब्रह्मांड एक अनंत छोटे और घने बिंदु ( सिंग्युलैरिटी) से लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले एक महाविस्पोट के रूप में उत्पन्न हुआ। यह विस्फोट एक बम विस्फोट की तरह नहीं था, बल्कि यह स्वयं अंतरिक्ष, समय और पदार्थ की शुरुआत थी। 


2.क्या वास्तव में एक विस्फोट हुआ था?

" विस्फोट" शब्द से भ्रमित न हो। यह एक विस्फोट नहीं था जो किसी स्थान पर हुआ, बल्कि यह स्थान स्वयं फैलने लगा। हर दिशा मैं अंतरिक्ष का विस्तार हुआ और वह आज भी हो रहा है। 

इसका मतलब है कि सभी आकाशगंगाएं एक दूसरे से दूर जा रही है।


3. बिग बैंग के प्रमाण: 

बिग बैंग थ्योरी के कई ठोस प्रमाण है: 

• कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) : ब्रह्मांड की उत्पत्ति के कुछ लाख वर्षों बाद निकली रेडिएशन आज भी पूरे ब्रह्माण्ड में मौजूद हैं। यह एक प्रकार की ब्रह्माण्डीय गर्मी है जिसे 1965 में खोजा गया था। 


• हबल का नियम: खगोलशास्त्री एडविन हबल ने पाया कि सभी आकाशगंगाएं हमसे दूर जा रही है, और जो जितनी दूर है वह उतनी तेज़ गति से दूर जा रही है।

यह दर्शाता है कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। 

• हाइड्रोजन और हीलियम की मात्रा: ब्रह्मांड में इन तत्वों का अनुपात बिल्कुल उस तरह है जैसा बिग बैंग के बाद बनने की उम्मीद की जाती है। 


4. बिग बैंग के बाद? 

बिग बैंग के तुरंत बाद ब्रह्मांड बेहद गर्म और घना था।              जैसे-जैसे यह फैला, इसका तापमान घटा और कणों का निर्माण शुरू हुआ: 

• पहले इलेक्ट्रॉन, प्रोटाॅन और न्यूट्राॅन बने 

• फिर कुछ मिनटों में हाइड्रोजन और हीलियम के नाभिक बने 

• लाखों वर्षों बाद परमाणु बनने लगे 

• उसके बाद गुरूत्वाकर्षण के कारण गैस बादल बने                 और धीरे-धीरे तारे और आकाशगंगाएं बन गई। 




ब्लैक होल और बिग बैंग का संबंध 

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ब्लैक होल और बिग बैंग दोनों एक समान अवधारणा पर आधारित है —
सिंग्युलैरिटी । 


• ब्लैक होल की सिंग्युलैरिटी वह बिंदु है जहां गुरूत्वाकर्षण अनंत हो जाता है और भौतिकी के वर्तमान नियम असफल हो जाते हैं। 

• इसी तरह, बिग बैंग की शुरुआत में ब्रह्मांड भी एक सिंग्युलैरिटी से शुरू हुआ माना जाता है।                               इसलिए कई वैज्ञानिक मानते हैं कि ब्लैक होल और ब्रह्मांड  की शुरुआत के सिद्धांत के बीच गहरा संबंध है। 




रोचक तथ्य  

• ब्लैक होल को सबसे पहले 18वीं सदी में कल्पना के रूप में प्रस्तावित  किया गया था, लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार 20वीं सदी में मिला 

• आइंस्टीन ने ब्लैक होल की गणनाओं को स्वीकार नहीं किया  था, परंतु आज वे सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का महत्वपूर्ण भाग है। 

• 2019 में पहली बार एक ब्लैक होल की तस्वीर ली गई थी, जिसे "इवेंट होराइजन टेलीस्कोप” द्वारा खींचा गया था। 

• ब्रह्मांड हर सेकेण्ड में लगभग 70 किलोमीटर प्रति मेगापारसेक की दर से फैल रहा है। 

• कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि हमारा ब्रह्मांड भी एक ब्लैक होल के अंदर स्थित हो सकता है। 



निष्कर्ष 


ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी की कहानी रहस्य, खोज, कल्पना और सत्यापन का संगम है। इन सिद्धांतों के माध्यम से हमने ब्रह्मांड की शुरुआत को जाना, उसकी संरचना को समझा, और भविष्य के बारे में अनुमान लगाया। 
विज्ञान ने हमें यह सिखाया है कि हर उतर के बाद नए प्रश्न जन्म लेते हैं    और यही मानव सभ्यता की सबसे बड़ी खूबी है। 





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