AMLA (GOOSEBERRY) IN BENEFITS SUMMRY
⚡ परिचय (Introduction)
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AMLA (GOOSEBERRY) IN BENEFITS SUMMRY
विज्ञान हमेशा से इंसान की प्रगति की नींव रहा है। जिस दिन इंसान ने पहिया बनाया था,उसी दिन से विज्ञान का सफर शुरू हो गया था। हर साल दुनिया के वैज्ञानिक नई-नई खोजें करते हैं, जो हमारे जीवन को आसान, सुरक्षित और तेज़ बनातीं है।
२०२५ भी विज्ञान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हो रहा हैं। क्योंकि इस साल कुछ ऐसी खोजें हुई हैं जो आने वाले दशकों में पूरी दुनिया की दिशा बदल देंगी।
तो आइए जानते हैं, 2025 की टॉप 10 वैज्ञानिक खोजें जो हमारी सोच और जीवन दोनों को बदलने वाली हैं।
→ 2025 में वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का पहला सफल प्रोटोटाइप दिखाया है। अगर ये बड़े स्तर पर लागू होती हैं, तो चार्जिंग की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
1. बैक्टीरिया - एक कोशिकीय जीव जो विषाक्त पदार्थ (toxins) बनाते हैं।
• उदाहरण: टाइफाइड, काॅलरा, तपेदिक (TB)।
2. वायरस - अत्यंत सूक्ष्म जीव जो जीवित कोशिकाओं में प्रवेश कर उनकी कार्यप्रणाली को बिगाड़ते हैं।
• उदाहरण: COVID-19, डेंगू, फ्लू, चिकनपाॅक्स।
3. फंगस- ऐसे जीव जो जो त्वचा, फेफड़े और अन्य अंगों में संक्रमण कर सकते हैं।
• उदाहरण: रिंगवर्म, कैंडिडायसिस।
4. परजीवी- अन्य जीवों पर निर्भर रहकर पोषण लेने वाले जीव।
• उदाहरण: मलेरिया (प्लास्मोडियम), फाइलेरिया, अमीबियासिस।
मानव जीवन की निरंतरता जनन प्रकिया पर निर्भर है। जनन तंत्र वह जैविक प्रणाली है जो संतानोत्पत्ति (Reproduction) में सहायक होती है। मानवों में यह तंत्र स्त्री और पुरुष में भिन्न होता हैं। इस लेख में हम पुरुष एवं स्त्री जनन तंत्र की संपूर्ण जानकारी, उनके कार्य, अंगों और हार्मोन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को सरल भाषा में समझेंगे।
जनन (Reproduction) वह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपनी संतति को उत्पन्न करते हैं। यह दो प्रकार का होता है:
• शुक्रजनन नलिकाओं का भीतरी भाग दो प्रकार की कुछ कोशिकाओं से आवरित रहता है जिन्हें नर जर्म कोशिकाएं (Spermatogonia) और सर्टोली कोशिकाएं कहते हैं।
• नर जर्म कोशिकाएं में अर्द्धसूत्री विभाजन से शुक्राणुओं का निर्माण होता है जबकि सर्टोली कोशिकाएं नर जर्म कोशिकाएं कुपोषण प्रदान करती हैं।
• शुक्रजनन नलिकाओं के बाहरी क्षेत्र को अंतराली अवकाश कहा जाता है
• अंतराली अवकाश में छोटी-छोटी रुधिर वाहिकाएं और अंतराली कोशिकाएं (Interstitial cells) या लीडिंग कोशिका होती हैं।
• लीडिंग कोशिका एंड्रोजन नामक वृषण हार्मोन संश्लेषित व स्रावित करती हैं।
• पुरूष लिंग सहायक नलिकाओं के अंतर्गत वृषण जालिकाऍं,शुक्रवाहिकाए, अधिवृषण (Epididymis) तथा शुक्रवाहक होते हैं।
• इसमें शुक्राशय से एक वाहिनी शुक्रवाहिका आती है जो मूत्र मार्ग में स्खलनीय वाहिनी के रूप में खुलती हैं।
• शुक्राशय वृषण में प्राप्त शुक्राणुओं का भंडारण तथा मूत्रमार्ग में इसका स्थानांतरण करती हैं। मूत्रमार्ग मूत्राशय में निकल कर पुरुष के शिशन (Penis) के माध्यम से गुजरता हुआ बाहर की और एक छिद्र के रूप में खुलता है जिसे मूत्राशय मुख कहते हैं।
• एक गर्भाशय (Uterus)एक गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix ) तथा एक योनि (Vagina) और बाह्य जननेन्द्रिय(external genitalia) शामिल हैं। जो श्रोणी क्षेत्र में होते हैं।
• जनन तंत्र के ये सभी अंग एक जोड़ा स्तन ग्रंथियों (mammary glands) के साथ संरचनात्मक और क्रियात्मक रूप में संयोजित होते हैं।
• अंडाशय स्त्री के प्राथमिक लैंगिक अंग है जो स्त्री युग्मक (अंडाणु/ओवम) और कई स्टेराॅयड हार्मोन (अंडाशयी हार्मोन) उत्पन्न करते हैं।
• श्रोणी भिती तथा गर्भाशय से स्नायुओं (लिंगामेंट्स) द्वारा जुड़ा होता है।
• प्रत्येक अंडाशय एक पतली उपकला से ढका होता है जो कि पीठीका (ओवेरियन स्ट्रोमा) से जुड़ा होता है।
• अंडवाहिनी (डिम्बवाहिनी नलिका/फेलोपिन नलिकाओं) गर्भाशय तथा योनि मिलकर स्त्री सहायक नलिकाएं बनाती हैं।
• प्रत्येक डिम्बवाहिनी नली लगभग 10-12 सेंमी लंबी होती है जो प्रत्येक अंडाशय की परिधि से चलकर गर्भाशय तक जाती हैं।
• अंडाशय के ठीक पास डिम्बवाहिनी का हिस्सा कीप के आकार का होता है जिसे कीपक (इंफन्डीबूलम) कहा जाता है।
• इस कीपक के किनारे अंगुलि संदृश्य प्रक्षेप(प्रोजेक्शन) होते हैं जिसे झालर(फिंब्री) कहते हैं।
• कीपक आगे चलकर अंडवाहिनी के एक चौड़े भाग में खुलता है जिसे तुबिंका(एंपुला) कहते हैं।
• अंडवाहिनी का अंतिम भाग संकीर्ण पथ (इस्यमख) में एक संकरी अवकाशिका(ल्यूमेन) होती हैं जो गर्भाशय को जोड़ती हैं।
यह वसामय ऊतकों से बनी एक गद्दी सी होती है। जो त्वचा और जघन बालों से ढकी होती है।
ऊतकों का माॅंसल वलन (फोल्ड) हैं जो जघन शैल से नीचे तक फैले होते हैं योनि द्वार को घेरे रहते हैं।
• स्त्री में स्तन ग्रंथियों या स्तन में विभिन्न मात्राओं में वसा तथा ग्रन्थिल ऊतक(glandular tissue) होते हैं।
• दोनों स्तनों में से प्रत्येक स्तन का ग्रन्थिल ऊत्तक 15-20 स्तन पालियों या मेमरी लोब्स में विभाजित होता हैं जिसमें Call lobes होते हैं जिसे कुपिका (Alveoli) कहते हैं।
• कूपिका की कोशिकाएं दुग्ध का स्रावण करती है जो कूपिकाओं की गुहा (lumen) में एकत्रित होता है। कूपिकाएं स्तन नलिकाओं में खुलती हैं प्रत्येक पाली की नलिकाएं मिलकर स्तनवाहिनी या मैमरी डक्स (Mammary Duct) बनाती हैं। इस प्रकार की कई स्तनवाहिनीयां मिलकर एक वृहद स्तन तुम्बिका (Mammary and Pully) बनाती है जो दुग्ध वाहिनी या लैक्टीफेरस से जुड़ा होता है इसी दुग्ध वाहिनी से दुग्ध बाहर आता हैं।
मानव विज्ञान में “लिंग निर्धारण” एक महत्वपूर्ण विषय है यह प्रक्रिया तय करती हैं कि किसी जीव में नर (पुरुष) लक्षण विकसित होंगे या मादा (महिला) लक्षण। चाहे वह मनुष्य हो, पशु-पक्षी या कीट-पतंगे – प्रत्येक जाति किसी न किसी तरीके से लिंग निर्धारण है। ब्लॉग में इस प्रक्रिया को सरल और वैज्ञानिक तरीके से समझाने का प्रयास करेंगे।
लिंग निर्धारण (Sex Determination) यह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह तय होता हैं कि कोई जीव नर (Male) होगा या मादा (Female) ।
यह निर्धारण आमतौर पर जीव की आनुवांशिक संरचना (Genetic Makeup) पर निर्भर करता हैं, विशेष रूप से गुणसूत्रों (Chromosomes) पर।
• मानव शरीर 46 गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से दो लैंगिक गुणसूत्र (Sex Chromosomes) होते हैं।
व्यक्ति गुणसूत्र (Sex Chromosome
Male XY
Female XX
• यदि शुक्राणु में Y गुणसूत्र है → लड़का (XY)
• यह Y गुणसूत्र पर स्थित एक जीन है।
• इसका कार्य पुरूष जनन अंगों के विकास को आरंभ करना है।
→ यदि SRY कार्य नहीं करे तो XY होते हुए भी मादा शरीर बन सकता है।
• व्यक्ति पुरूष होता है परन्तु स्त्री लक्षण भी होते हैं (स्तन विकास आदि)
• लिंग निर्धारण निषेचन के समय ही हो जाता है।
• SRY जीन Y गुणसूत्र पर होता है और यह पुरूष लक्षण उत्पन्न करता है।
• पर्यावरणीय प्रणाली में तापमान या सामाजिक स्थिति से लिंग तय होता है।
• लिंग निर्धारण के विकारों में टर्नर, क्लाइनफेल्टर और इंटरसेक्स शामिल हैं।
• भ्रूण लिंग परीक्षण भारत में प्रतिबंधित है।
2. SRY जीन का क्या कार्य है?
3. XY प्रणाली और ZW प्रणाली में अंतर बताइए।
4. पर्यावरणीय लिंग निर्धारण का उदाहरण दीजिए।
5. क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में क्या गुणसूत्र संरचना होती हैं?